Category Archives: दोस्ती और जिंदगी …

गाना सूना था कभी- ” दोस्ती का नाम है जिंदगी , दोस्ती का नाम है जिंदगी ” …..शोले देखी थे तब से दोस्ती का एक जज्बा दिल में छा गया बस दोस्तों के लिए हमें तो जीना आ गया, जिंदगी हमें चलाती गयी हम भी साथ निभाते निभाते चलते गए जिंदगी के साथ…रास्ते में जिसने भी मांगा हमारा साथ सभी को थमा दिया हमने अपना हाथ …हम भी बढ़ते गए आगे जिंदगी के ये कारवाँ के साथ…बढ़ रहे हैं आगे…आधी मंजिल काट ली है अपने हिसाब से ..पता नहीं की ऊपर से कब बुलावा आ जाए इसलिए जो भी पल मिलते हैं उसे दिल से जीते हैं , सुख – दुःख , मान -सन्मान से पर हूँ मैं…कमल हूँ मैं हैं वो कमल जिसे संसार के पानी के बीच में कादव – कीचड में ही अपना बसेरा बना डाला है पर उस कमल के पंखुड़ियाँ अभी भी निस्पृहित है …..निष्कलंकित भी …..जिसे संसार के माया से कुछ नहीं चाहिए सिवा प्यार…मोहब्बत …इश्क …इबादत…!!!

पिता

सहरे की असहनीय धूप को भी सहता है पिता,ग्रीष्म की गर्मी में गुलमहोर सा निखरता है पिता भले हो भीगा, उन का प्रस्वेद से  लथबथ तनबदन,फिर भी मेहनत की खुशबू से महकता है हर पिता, ज़िंदगी की भगदौड़ में परिवार … Continue reading

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तमाम

रोज़ वही सुबह और वही शाम होती है,ज़िंदगी ख्वाहिशों के नाम तमाम होती हैकरते हैं सियासत अपने वजूद के खातिर,मिले गरीब को रोटी ऐसी न इंतमाम होती हैइल्ज़ाम ना लगाओ सिर्फ हुकुमत पे ही यारों,सरकार वैसी ही बनती है, जैसी … Continue reading

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मय

मय को भी मुझ से पहली बार में यारी हो गई,महबूबा की तरह मुझ से जान से प्यारी हो गई इल्म घूला है या छीपा है जादुई करिश्मा शराब में,छूते ही लबों को सारी दुनिया  उजियारी हो गई कौन कहता … Continue reading

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नियाज़

भरी भीड़ में भी वो तन्हा क्यों है उस का राज़ ना पूछो,नाखुश है जमाने से? या है ख़ुद से ही है नाराज़? ना पूछो! मिलता नहीं सभी को जादुई चिराग़, सीने में होती है जज्बे की आग,तभी खिलता है … Continue reading

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रुकावट

रुकावट ही तेरी उम्रभर की थकावट दे गई है हमें,ऐतबार किया था वो ही दोस्ती अदावत दे गई है हमें समझा था जो रास्ता है जाना पहचाना अरसों से,वही मंज़िल की चिकनी राहें गिरावट दे गई है हमें, मालूम है … Continue reading

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हमसफ़र

तुम ही कह दो खुशी के गीत क्यों ना गाऊं मैं?तुम ही कह दो प्यार के नग्मे क्यों ना गुनगुनाऊं मैं? हुआ है दीदार बरसों के बाद मेरे बिछड़े यार का,तुम ही कह दो दिल से उसे गले क्यों ना … Continue reading

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ना है कुछ देना, ना कुछ है लेना,फिर भी अच्छा लगता है उस के साथ रहना मिर्ची जैसी तीखी है , शहद जैसी मीठी हैइसलिए अच्छा लगता है उस का कुछ सुनना , उस से कुछ कहना खुश हो के … Continue reading

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खता

गर खता समझते है तो तू ये खता ही कर,पर यार मेरे दोस्ती का फ़र्ज़ तू अदा ही कर हासिल कर सकता है यदि अपनी काबिलियत से,तो फ़िक्र किए बगैर हिम्मत और बुलंद हौसले से इब्तिदा कर करता है मुहब्बत … Continue reading

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મિત્રો

જિંદગી ના દુખ પળ માં હળવા કરી જાય જો મળી જાય મિત્રો બનાવે હર પળ મધ સમ મીઠી દૂધ માં સાકર સા ભળી જાય મિત્રો ખામોશ રહી,છૂપાવી ને વલોવો  ભીતર ના દર્દ થી  રૂહ ને, હોઠ ના ખોલો તો યે … Continue reading

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खामोश

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