Monthly Archives: April 2021

खता

गर खता समझते है तो तू ये खता ही कर,पर यार मेरे दोस्ती का फ़र्ज़ तू अदा ही कर हासिल कर सकता है यदि अपनी काबिलियत से,तो फ़िक्र किए बगैर हिम्मत और बुलंद हौसले से इब्तिदा कर करता है मुहब्बत … Continue reading

Posted in दोस्ती और जिंदगी ..., हिन्दी | Leave a comment