Monthly Archives: November 2018

वजह

Posted in संवेदना, हिन्दी | Leave a comment

दम

Posted in दोस्ती और जिंदगी ..., हिन्दी | Leave a comment

तलाश

ना जाने आज फिर क्यूँ ज्वारें तलाश रही है ज़िंदगी, महफूज है जमीं पे फिर क्यूँ मीनारे तलाश रही है ज़िंदगी मिल जाता है दानापानी सब को उन की किस्मत का फिर किस लिए दूसरों के खेत में निवारे तलाश … Continue reading

Posted in संवेदना, हिन्दी | Leave a comment

દિવાળી

મન માં થી વહેમ ના જાળાં કાઢો તો થાય દિવાળી દુશ્મન ને નહીં દુશ્મનાવટ ને વાઢો તો થાય દિવાળીભૂત-પલિત ને મેલો પડતાં, સંબંધો માં એ છે નડતાં કાળી ચૌદશે કાલ ના લક્ષ્ય ને સાધો તો થાય દિવાળીજાતે માણસ છીએ બધાં,ભલે … Continue reading

Posted in दोस्ती और जिंदगी ..., ગુજરાતી | 1 Comment

इमानदार

आप पानी पे ही पानी की कहानी लिखते रहे हम जल महल में इंतज़ार करते जलते रहे प्यार नहीं है कोई खेल, है ये रूह और दिलों का मेल पर तुम मोहब्बत के नाम पे जिस्म से सिर्फ छलते रहे … Continue reading

Posted in दोस्ती और जिंदगी ..., हिन्दी | Leave a comment

रहनुमा

गले मिल के पीछे से वार करना, सिखा रहे हैं लोग, भटका के मंजील़ रहनुमा बनने राह, दिखा रहे हैं लोग बनाते हैं, बताते हैं अनजानों को भी दोस्त, रुतबा जताने पर कलह का ज़हर कबीले के रिश्तों में मिला रहे … Continue reading

Posted in दोस्ती और जिंदगी ..., हिन्दी | Leave a comment

बात कर

Posted in संवेदना, हिन्दी | Leave a comment