Monthly Archives: October 2021

नियाज़

भरी भीड़ में भी वो तन्हा क्यों है उस का राज़ ना पूछो,नाखुश है जमाने से? या है ख़ुद से ही है नाराज़? ना पूछो! मिलता नहीं सभी को जादुई चिराग़, सीने में होती है जज्बे की आग,तभी खिलता है … Continue reading

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महसूस

सूना रहा हूं तुम्हें दिल की जुबां, दो पल ठहर जाओ, बस गए मनमंदिर में नज़रें मिलाते ही, अब उम्रभर बसर आओ आओ बैठो पास मेरे, भर लो बांहों में, महसूस करो आहों में,ना जाओ प्यासा छोड़ भला, जिस्म से … Continue reading

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