Monthly Archives: May 2021

मोक्षदायिनी

भागीरथी को कह रहा है आज कोई शववाहिनी गंगा,शासक को बता रहे अपनी वाहवाही की खातिर बिल्ला_रंगा,देखो लालच में आए इंसान का दिखा रूप अढंगा,भूल गए सब मन यदि चंगा तो फिर कठौती में है गंगा याद आता है उन … Continue reading

Posted in देश मेरा ...., हिन्दी | Leave a comment

અટ્ટહાસ

આખરી અમારી આશ વહે છે ગંગાજી માં,પ્રભુ આસ્થા ની લાશ વહે છે, ગંગાજી માં અંતિમ સંસ્કાર ના હાલ જોઈ મડદાં પણ રૂવે,હવે તો જીવતાં નો યે વિશ્વાસ વહે છે,ગંગાજી માં, રામ તમે હજુ યે ના જાગો? તમે કેમ ના અમારા … Continue reading

Posted in Uncategorized | Leave a comment

लाश

आख़री हमारी आश बह रही है गंगा में,प्रभु आस्था की लाश बह रही है गंगा में अंतिम संस्कार के हाल देख मुर्दे भी रोएं,अब तो जिंदा लोगों का विश्वास बह रहा है गंगा में, विश्वनाथ अब तो जागो, क्या आप … Continue reading

Posted in Uncategorized | Leave a comment

रामराज्य

सच में ही अपने देश में आया राम राज  है?गा रही है रूदाली हर गांव, सारी बस्तियां बस ताराज हैं रोटी की तो थी किल्लत पर, अब तो हवा भी नहीं आसान,खुशी दिख नहीं रही कहीं, चहेरे सब मायूस _नाराज़ … Continue reading

Posted in देश मेरा ...., प्रक्रुति और ईश्वर, संवेदना, हिन्दी | Leave a comment

રામરાજ

Posted in संवेदना, ગુજરાતી | Leave a comment

ना है कुछ देना, ना कुछ है लेना,फिर भी अच्छा लगता है उस के साथ रहना मिर्ची जैसी तीखी है , शहद जैसी मीठी हैइसलिए अच्छा लगता है उस का कुछ सुनना , उस से कुछ कहना खुश हो के … Continue reading

Posted in दोस्ती और जिंदगी ..., हिन्दी | Leave a comment