Monthly Archives: March 2020

मछली

मैं बहता पानी और वो खूब खेलती मछली रही,तबियत हमारी दोनों की मुलाकात को खलती रही एतबार किया था हमने उन पे रब की तरह जिंदगी में,पर मोहतरमा खुद और खुदा को हर कदम छलती रही दर्द नहीं था शमा … Continue reading

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वो

उस का ही हूँ, पर वो गैर समझ रही है, करता हूँ मोहब्बत पर वो बैर समझ रही है निभाने साथ छोडा है मैंने अपना गुरुर थामा है हाथ फिर भी वो पैर समझ रही है चला हुँ साथ-साथ जिंदगी … Continue reading

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