Monthly Archives: December 2022

संस्कृति

संस्कृति बचाना, किसी पक्ष की ज़ायदाद नहीं,चल चित्रों के विरोधी, धरोहर संवारने आमाद नहीं (आमाद = ईच्छा शक्ति) कुछ सालों से और पिछले दो दशकों से ख़ास तौर पर आए दिन संस्कृति के जतन के नाम पर कहीं उत्सवों पर … Continue reading

Posted in प्रक्रुति और ईश्वर, हिन्दी | Leave a comment