Monthly Archives: December 2021

मय

मय को भी मुझ से पहली बार में यारी हो गई,महबूबा की तरह मुझ से जान से प्यारी हो गई इल्म घूला है या छीपा है जादुई करिश्मा शराब में,छूते ही लबों को सारी दुनिया  उजियारी हो गई कौन कहता … Continue reading

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गुलाल

उन की आशिकी में हम हलाल हुएफ़ना हो कर जग में जलाल हुए माना कि हार गए खेल मुहब्बत काफिर भी ना कोई मन में मलाल हुए भूला ना पाए वो कभी दास्तां हमारीपढ़े जो खत खून के आंसू से … Continue reading

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ख़बर

तेरी ख़बर के बग़ैर मेरी फ़ज़र नहीं होती,तेरे दिल को क्यूँ, ये ख़बर की ख़बर नहीं होती मशरूफ हो फिर भी चाँद सी झलक दिखला जाओ,जिंदगी की सारी रात इंतजा़र में बसर नहीं होती कायनात भी करती है मकसद पूरा … Continue reading

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