Monthly Archives: August 2014

आझादी

एक बार फिर लाल किले पे आझादी का झंडा फहराया गया…गरीबी हटाएँगे उन नारों को सब के आगे दो बारा दोहराया गया सब नागरिक को नसीब होगी रोजी- रोटी- कपडा और मकान देश बनेगा सोने की चिड़िया कहानीओ की तरह … Continue reading

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योगेश्वर

तेरा हर शब्द था मर्म से भरपूर, तेरा हर कर्म था धर्म से पूर्ण…तू ही योगी, तू ही वियोगी, तू ही सखा, तू ही था प्रेमी सम्पूर्ण तेरा शैशव बचपन का वैभव, तेरी युवानी युग की कहानी तेरे नाम के … Continue reading

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नमन

चाहा जिंदगी से भी ज्यादा उन्होंने वतन करों दोस्तों उन सपूतों को शत-शत नमन सींचा जिन विरलों ने अपने खून से चमन …करों यारों उन वीरों को बार – बार नमन छोड़ शेरवानी निकल पड़े थे ओढ़ के कफ़न सरफ़रोशी … Continue reading

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जल्लाद

शुक्रगुजार रहूँगा मेरे दोस्त उम्रभर तेरा,भले तू आज वक्त का मारा मेरे साथ नहीं..इंतज़ार भी करता रहूँगा उम्रभर तेरा,दिल तेरा आज भी मुज़ से दूर नहींमजबूरियों को तेरी बेवफाई समज ले,इतना भी दिल मेरा नादान नहींखुदा करे तेरी सारी मुराद … Continue reading

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निशानी

अजब कितनी है जिंदगी की कहानी देखिए बुढ़ापे में भी लोगों की खिलती जवानी देखिए उड़ के आए हैं पंछी सात समंदर से पार, किस्मत ने कहाँ लिखा है दाना-पानी देखिए … रहते है प्यासे जो पगले दरिया किनारे, भटकते … Continue reading

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કંચનવર્ણી

ચાંદની ને સંગાથે વિતાવી સારી રાત …ઉગ્યું સવારે શ્વેત-ધવલ નિર્મળ પ્રભાત નજર હતી સારી મહેફિલ ની એના તરફ મૃગનયની માં હતી જરૂર કોઈ ખાસ વાત કોયલડી નાં ટહુકે ગુંજ્યા સૂના મન ના પાદરોહતાં જે હૈયાં રણ સમા ત્યાં ખીલ્યાં પારિજાત … Continue reading

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परवाज

सियासती इन्क़िलाबी नारों की बीच उठी है दबे- कुचलों की अावाझ …. भूखमरी – कंगाली – बदहाली को छोड़ भरेंगे अब प्रगति की परवाज …. सूचना और प्रसार क्रान्ति के युग में भगाएंगे अज्ञान का अंधियारा गिरेगी अब काला बाजारीओं … Continue reading

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राह

बीत जाए हर रात ईमान के चिराग के तले…सुबह होते ही दिल में एतबार का दिया जले .. भूल के नफरत सब भाईचारे से मिले गले मोहब्बत का पौधा हर दिल में फूलें- फलें लालच में ना कोई किसी भोले … Continue reading

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