Monthly Archives: December 2015

ख्वाब

Posted in संवेदना, हिन्दी | Leave a comment

अक्सर

ख़याल करता हुँ उन का और वो खुद ही सामने आ जाते हैं अक्सर मिलते है ख़्वाबों में जो वो शाम की महफ़िल में गा जाते हैं अक्सर नजर नहीं आते सूरज और चाँद भी मोहब्बत के गाढ़े घने कोहरा … Continue reading

Posted in संवेदना, हिन्दी | Leave a comment

सफ़र

Posted in दोस्ती और जिंदगी ..., हिन्दी | Leave a comment

26/11

Posted in देश मेरा ...., हिन्दी | Leave a comment